उर्दू संस्कृति अध्ययन केन्द्र की स्थापना "उर्दू भाषा के सौंदर्य और सांस्कृतिक मूल्यों और इसकी ऐतिहासिक चेतना का संरक्षण और संवर्धन" की दूरदर्शिता के साथ की गई। इसका लक्ष्य अभिलेखागार, संग्रहालय, पुस्तकालय और सांस्कृतिक अनुसंधान संस्थान के संयोजन को विकसित करना है। यह उर्दू संस्कृति के अध्ययन में एक प्राधिकारी के रूप में देखा जाना चाहता है। केंद्र में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों और गतिविधियों पर आधारित सचित्र दीर्घा है। सीयूसीएस ने मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को समर्पित एक दीर्घा भी स्थापित की है और इसे आज़ाद दीर्घा का नाम दिया है।
केंद्र में अलग से पुस्तकालय है। पुस्तकालय संग्रह में दुर्लभ और मूल्यवान पठन सामग्री शामिल हैं जो अनुसंधान अध्येताओं एवं उर्दू प्रेमियों के लिए उपयोगी हैं। पुस्तकालय के महत्व को स्वीकार करते हुए हैदराबाद और अन्य शहरों की कुछ प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने व्यक्तिगत संग्रह से लगभग 5,000 दुर्लभ और मूल्यवान पुस्तकों, 4,000 पत्रिकाओं और 200 पांडुलिपियों का उपहार स्वरूप दिया है।
आरंभ में इसे उर्दू भाषा, साहित्य एवं संस्कृति केन्द्र (सीयूएलएलसी) के रूप में शुरू किया गया था और क्रमशः इसका नाम बदलकर उर्दू संस्कृति अध्ययन केन्द्र (सीयूसीएस) ने नए उद्देश्यों के साथ एवं कुछ समय के पश्चात सीयूसीएस द्वारा पारंपरिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निर्माण एवं प्रस्तुतिकरण प्रारंभ कर दिया गया। इन सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं पारंपरिक कार्यक्रमों में :
1. सृजनात्मक लेखन कार्यशाला
2. दास्तानगोई पर कार्यशाला
3. दास्तानगोई पर प्रस्तुतिकरण
4. ग़ज़ल सराय पाठ्यक्रम (छह महीने)
5. कहानी क्लब की शुरूआत और छात्रों द्वारा नई लघु कहानियों की प्रस्तुति के साथ द्वि-साप्ताहिक
बैठकें होती है।
6. मानू ड्रामा क्लब को आरंभ कर दिया गया है जिसके द्वारा क्रमशः तीन नाटकों का निर्माण किया गया
(i) दादी अम्मा मान जाओ
(ii) चौराहा
(iii) जामुन का पेड
7. 1857 को बड़े पैमाने पर मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में दर्शाया गया।
8. लड़कियों के लिए विशेष रूप से परिधान (ड्रेस) और व्यक्तित्व पर एक पूर्ण कार्यशाला।
9. थिएटर कार्यशाला
10. देशभक्ति गीतों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का आयोजन करना।
सीयूसीएस मौलाना आज़ाद दिवस समारोह के नाम से वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। यह उत्सव पूरे सप्ताह चलता है जिसमें छात्र अधिक से अधिक संख्या में भाग लेते है।
उपरोक्त सभी गतिविधियों ने निश्चित रूप से छात्रों के मध्य एक सकारात्मक नैतिकता को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा सीयूसीएस किसी भी प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों को बनाने और व्यवस्थित करने के लिए विश्वविद्यालय के अन्य विभाग की सक्रिय रूप से मदद करता है।
दूरदर्शिता एवं लक्ष्य
1. दूरदर्शिता :“ उर्दू और इसकी ऐतिहासिक चेतना के सौंदर्य और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण एवं समृद्धि”।
2. लक्ष्य :“ इसे संग्रह, संग्रहालय, पुस्तकालय, सांस्कृतिक कक्ष के संयोजन के रूप में विकसित करना और संग्रह
और संरक्षण के संदर्भ में उर्दू संस्कृति के लिए एक प्रामाणिक संसाधन केंद्र के रूप में माना जाना”.
लक्ष्य एवं उद्देश्य
1. उर्दू की संस्कृति और विरासत को दर्शाती प्राचीन काल की वस्तुओं एवं सामग्रियों को एकत्र करना और संरक्षित करना।
2. विश्वविद्यालय की छवि को बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों में एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
3. उर्दू संस्कति एवं जनसंख्या के विषय में विविध जानकारी एवं आंकड़ों के संदर्भ में एक नोडल एजेंसी के रूप में बन जाना।
4. उर्दू संस्कृति के विकास से संबंधित पुरावशेष का संग्राहक बनाना है।
Centre उर्दू संस्कृति अध्ययन केन्द्र मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, गच्चीबौली हैदराबाद तेलंगाना 500032 dir.cucs@manuu.edu.in 040-23008359 EXTN: 4271 Hyderabad CUCS निदेशक University Administration